मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिंडर नदी को कुमाऊं मंडल की कोसी, गरूड़ और गोमती नदी से जोड़ना समय की मांग है। उन्होंने नीति आयोग से केंद्र की नदी जोड़ो परियोजना में इसे शामिल करने का अनुरोध किया। इससे इस क्षेत्र के 625 गांवों के दो लाख लोगों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सोमवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में नीति आयोग की प्राकृतिक जलस्रोतों के संरक्षण के लिए आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि नदियों को सदानीर रखने में नदी जोड़ो परियोजना अहम योगदान कर सकती है। एक समय सदानीरा रहने वाले कोसी नदी सूखने की कगार पर है। गरुड़ और गोमती नदियों का भी यही हाल है।
राज्य में संकट से जूझ रहे प्राकृतिक जल स्रोत और नदियों को बचाने के लिए सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड वनों और प्राकृतिक जलस्रोतों से समृद्ध राज्य है। जलस्रोतों के महत्व की वजह से राज्य में जलस्रोतों को पूजने की परंपरा सदियों से है। राज्य ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए विशेष प्राधिकरण-सारा का गठन किया है। इसके तहत 5500 जलस्रोत और 2292 सहायक नदियों को चिह्नित करते हुए उनका उपचार किया जा रहा है।
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड देश का वाटर टॉवर भी है। गंगा,यमुना सरीखी नदियां देश के एक बहुत बड़े हिस्सों को पीने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराती हैं। राज्य में हालिया कुछ समय में 1092 अमृत सरोवर भी बनाए गए हैं। सूखते जलस्रोत और नदियों को पुन: रिचार्ज करने के लिए प्राथमिकता से प्रयास किए जा रहे हैं।








