दिल्ली: इथेनॉल ब्लेंड फ्यूल को लेकर पिछले दिनों काफी चर्चा हुई। इसको लेकर अलग-अलग राय रखी गई। इन सबके बीच केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर एक पेड पॉलिटिकल कैंपेन का शिकार हुए हैं। सरकार की ओर से इथेनॉल-मिश्रित ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के खिलाफ लॉबिंग करने का आरोप उन्होंने लगाया। साथ ही कहा कि कुछ स्वार्थी लोग इस बदलाव को रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
E20 (20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल) को लेकर सोशल मीडिया पर बढ़ती चिंताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए गडकरी ने कहा कि हर जगह लॉबी होती हैं, हित जुड़े होते हैं। उनकी यह टिप्पणी नई दिल्ली में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के 65वें वार्षिक सम्मेलन में आई। नितिन गडकरी ने कहा कि सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ एक पेड कैंपेन चलाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी है। इसमें कोई तथ्य नहीं था।
E20 ने उपभोक्ताओं और ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों के बीच बहस छेड़ दी है, जिनमें से कई का तर्क है कि इथेनॉल के मिश्रण से वाहनों की क्षमता प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों ने बताया कि पेट्रोल की तुलना में इथेनॉल के कम कैलोरी मान के कारण E20 पर चलने वाली कारों के माइलेज में 2-5 प्रतिशत की गिरावट देखी जा सकती है।हालांकि, पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को लेकर फैलाया जा रहा डर बेबुनियाद है।
4 अगस्त को एक्स पर एक पोस्ट में मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इथेनॉल युक्त पेट्रोल माइलेज में मामूली कमी का कारण बनता है।इथेनॉल युक्त पेट्रोल को लेकर नितिन गडकरी ने इसे आयातित कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता कम करने की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, हमारा आयात 22 लाख करोड़ रुपये का है। क्या यह उचित नहीं है कि हमें अपनी ताकत से भारत का निर्माण करना होगा, हम अपनी ताकत पर खड़े हो सकते हैं। इसलिए हम इस पर काम कर रहे हैं।
गडकरी ने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल उत्सर्जन में कटौती और विदेशी मुद्रा बचाने के लिए, बल्कि गन्ना और अनाज आधारित इथेनॉल की मांग बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी डिजाइन किया गया है।













