---Advertisement---

रामपुर तिराहा कांडः सीएम धामी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि, बोले- राज्य आंदोलन में मातृशक्ति की रही महत्वपूर्ण भूमिका

By: Aliya Hussain

On: Thursday, October 2, 2025 1:34 PM

Google News
Follow Us
---Advertisement---

देहरादूनः मुख्यमंत्री ने शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग कर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। संग्रहालय को भव्यता प्रदान करने के लिए कार्य किए जाएंगे।इस स्थल पर एक कैंटीन बनाई जाएगी और उत्तराखण्ड की बसों को ठहरने के लिए स्टॉपेज भी बनाया जाएगा।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दो अक्टूबर 1994 का रामपुर तिराहा गोलीकांड, उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास में सबसे क्रूर और गहरे घाव देने वाले काले अध्याय के रूप में अंकित रहेगा। आज भी उस बर्बर गोलीकांड और महिलाओं की अस्मिता पर किए गए अमानवीय अत्याचारों को याद करके प्रत्येक उत्तराखंडी की रूह कांप उठती है। जिन पर जनता की रक्षा की जिम्मेदारी थी, उन्होंने ही हिंसा और बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थीं। एक शांतिपूर्ण आंदोलन को निर्दयतापूर्वक कुचलने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें सदा याद दिलाता रहेगा कि उत्तराखंड की नींव हमारे शहीदों ने अपने खून से सींची है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे आंदोलनकारियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के परिणामस्वरूप ही हमें अलग राज्य मिला। आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए राज्य सरकार ने नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए 3000 रुपये मासिक पेंशन की सुविधा प्रारंभ की गई है। साथ ही घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को 6000 रुपये तथा सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। सरकार ने चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी करने के साथ ही 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजित भी किया है। आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी जा रही है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में हमारी मातृशक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उनका सम्मान करते हुए राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया। रामपुर गोलीकांड के समय इस क्षेत्र के लोगों द्वारा राज्य आंदोलनकारियों की सहायता को चिरस्थायी बनाने हेतु रामपुर, सिसौना, मेघपुर और बागोंवाली में जनमिलन केन्द्रों का निर्माण कराया गया है। शहीद स्मारक हेतु भूमि दान करने वाले स्वर्गीय महावीर शर्मा के योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए शहीद स्मारक में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून लागू कर राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य सुनिश्चित किए गए हैं।

राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले चार वर्षों में उत्तराखंड के लगभग 24 हजार से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरियां प्राप्त की हैं। उन्होंने कहा कि सरकार देवभूमि उत्तराखंड की डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है। 9 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। राज्य में सख्त दंगारोधी कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को समाप्त करने का निर्णय भी लिया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद एक जुलाई 2026 से उत्तराखंड में केवल वही मदरसे संचालित हो पाएंगे, जिनमें सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। राज्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों के विरुद्ध ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से निरंतर सख्त कार्रवाई की जा रही है।

For Feedback - feedback@example.com

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Leave a Comment