दिल्लीः FASTag के नियमों में बदलाव 15 नवंबर से लागू होने जा रहा है। बिना वैध FASTag के टोल प्लाजा पर प्रवेश करने वाले वाहनों को अब नकद भुगतान करने पर सामान्य शुल्क का दोगुना भुगतान करना होगा। हालांकि, UPI के माध्यम से भुगतान करने वालों को थोड़ी राहत मिलेगी, उन्हें केवल 1.25 गुना ही भुगतान करना होगा।
नए नियमों का उद्देश्य
इस बदलाव का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर नकद लेनदेन पर अंकुश लगाना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। इससे यातायात प्रवाह को सुव्यवस्थित करने और टोल संग्रह में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
FASTag क्या है?
FASTag भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा संचालित एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है। यह टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग करके टोल शुल्क स्वचालित रूप से काट लेता है।
वार्षिक पास की सुविधा
NHAI ने FASTag-आधारित वार्षिक पास लॉन्च किया है, जो टोल भुगतान के लिए RFID कार्ड को बार-बार रिचार्ज किए बिना राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा की अनुमति देता है। यह प्रीपेड पास केवल गैर-व्यावसायिक निजी वाहनों के लिए लागू है, जैसे कार, जीप और वैन। इस पास की कीमत ₹3,000 है।
अब आपके पास कुछ सवाल हो सकते हैं:
- वार्षिक पास कैसे प्राप्त करें?
- नए नियमों से कैसे प्रभावित होंगे वाहन चालक?
- FASTag के और क्या फायदे हैं?












