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गुजरात में सीएम भूपेंद्र पटेल को छोड़कर सभी मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, कल होगा कैबिनेट विस्तार

By: Aliya Hussain

On: Thursday, October 16, 2025 2:04 PM

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गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाले गुजरात मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार को होगा। वहीं इससे पहले आज राज्य के सभी मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं कैबिनेट विस्तार को लेकर एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने पहले बताया था कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में राज्य को लगभग 10 नए मंत्री मिल सकते हैं, और लगभग आधे मौजूदा मंत्रियों को बदला जा सकता है। भूपेंद्र पटेल ने 12 दिसंबर, 2022 को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार सुबह 11:30 बजे होगा। वर्तमान गुजरात मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री पटेल समेत कुल 17 मंत्री हैं। इसमें आठ कैबिनेट स्तर के मंत्री हैं, जबकि इतने ही राज्य मंत्री (एमओएस) हैं। बता दें कि, 182 सदस्यीय विधानसभा वाले गुजरात में 27 मंत्री या सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत मंत्री हो सकते हैं। इस महीने की शुरुआत में, गुजरात सरकार में राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल की जगह भारतीय जनता पार्टी की राज्य इकाई के नए अध्यक्ष बने।

क्या गुजरात फॉर्मूले के चलते मंत्रियों को छोड़ना पड़ा पद?

2022 में गुजरात में विधानसभा चुनाव हुए थे। चुनाव से 15 महीने पहले सितंबर 2021 में राज्य की पूरी कैबिनेट बदल दी गई थी। इस बार राज्य में चुनाव को करीब 26 महीने बचे हुए हैं। हालांकि, इस बार मुख्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है सिर्फ उनके कैबिनेट सहयोगियों ने पद छोड़े हैं। 2021 में तो पांच साल के अंदर दो बार मुख्यमंत्री बदल दिए गए थे। 2017 में जब चुनाव हुआ था, तब विजय भाई रूपाणी को सीएम बनाया गया था, लेकिन 2021 में उन्हें हटाकर भूपेंद्र पटेल को जिम्मेदारी दे दी गई।

वहीं चुनाव में 182 में से 103 नए चेहरों को टिकट दिया गया। पांच मंत्रियों समेत 38 विधायकों के टिकट काट दिए गए। 2022 के चुनाव में में इसका नतीजा भी देखने को मिला। भाजपा ने गुजरात में रिकॉर्ड 156 सीटें हासिल की। कहा जा रहा है इसी फॉर्मूले के तहत गुजरात कैबिनेट के मंत्रियों की छुट्टी हुई है। विश्लेषक मानते हैं कि चेहरे बदलकर भाजपा राज्य में लंबे समय से चल रही सरकार के प्रति होने वाली एंटी इनकंबेंसी को खत्म कर देती है। नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से पूरी कैबिनेट को चुनाव से करीब 15 महीने पहले बदला जा रहा था। हालांकि, इस बार ये बदलाव थोड़ा जल्दी हुआ है।

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