मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में Basic Savings Bank Deposit (BSBD) या शून्य बैलेंस खातों को और अधिक सुविधाजनक, डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए एक ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है. इसका उद्देश्य खासकर कम आय वाले खाताधारकों के लिए बैंकिंग सेवाओं को सरल बनाना है. BSBD खाते ऐसे बचत खाते हैं जिनमें न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता नहीं होती और इनमें प्रधानमंत्री जन धन योजना के सभी खाते शामिल हैं. वर्तमान में इन खातों की संख्या 5.66 करोड़ से अधिक है और इनमें 2.67 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा जमा हैं.
BSBD खाते खाताधारकों को न केवल पैसे जमा और निकालने की सुविधा देते हैं बल्कि बिना कोई न्यूनतम बैलेंस बनाए सरकारी लाभ प्राप्त करने की सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं. RBI के ड्राफ्ट सर्कुलर के तहत अब इन खातों में कई सुविधाएं मुफ्त दी जाएंगी. इन सुविधाओं में शाखाओं, ATM या बिजनेस कोरेस्पॉन्डेंट के माध्यम से अनलिमिटेड कैश डिपॉजिट, मुफ्त ATM / डेबिट कार्ड, साल में कम से कम 25 चेक लीफ, पासबुक या मासिक स्टेटमेंट मुफ्त और इंटरनेट तथा मोबाइल बैंकिंग की सुविधा शामिल हैं.
इसके अतिरिक्त, खाताधारकों को महीने में कम से कम 4 मुफ्त नकदी निकासी की सुविधा दी जाएगी. डिजिटल लेनदेन जैसे UPI, NEFT, RTGS, IMPS और PoS भी मुफ्त होंगे. ड्राफ्ट सर्कुलर के अनुसार ग्राहक अपने नियमित बचत खाते को BSBD खाते में बदलने का विकल्प चुन सकते हैं.
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि बैंक अब ग्राहकों को इन खातों के बारे में जागरूक करेंगे और एक ही व्यक्ति के पास केवल एक BSBD खाता होना चाहिए. बैंक अतिरिक्त सेवाएं प्रदान कर सकते हैं, लेकिन उनके शुल्क पारदर्शी और समान होने चाहिए. इसका उद्देश्य खाताधारकों को किसी प्रकार की छिपी हुई फीस से बचाना और बैंकिंग सेवाओं में सहजता सुनिश्चित करना है.
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम वित्तीय समावेशन को और मजबूत करेगा और देश के कम आय वर्ग के नागरिकों को बैंकिंग सेवाओं का अधिक लाभ मिलेगा. डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह पहल बैंकिंग को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने में भी मदद करेगी. भविष्य में इस दिशा में और सुधार किए जाने की संभावना है, ताकि देशभर के खाताधारक बैंकिंग के लाभों से अधिकतम रूप से जुड़ सकें













