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उत्तराखंड बजट सत्र: दूसरे दिन भी सदन में हंगामा, पक्ष-विपक्ष में हुई तीखी नोकझोंक

By: SAMACHAR INDIA

On: Wednesday, February 19, 2025 9:41 PM

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राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के वेल में आकर नारेबाजी करना और अमर्यादित शब्दों के इस्तेमाल करने पर दूसरे दिन भी सदन में हंगामा हुआ। पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। पीठ से बार-बार सदस्यों को बैठने का आग्रह करने के बाद भी माहौल शांत न होने से विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी नाराज व सख्त दिखीं। भाजपा विधायक आशा नौटियाल की ओर से उठाए गए व्यवस्था के प्रश्न पर विस अध्यक्ष ने विनिश्चय देते हुए मामले को आचार समिति को सौंपा।

बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष की ओर से कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने नियम 310 के तहत स्मार्ट मीटर का विरोध करते हुए चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा। इसी बीच भाजपा विधायक आशा नौटियाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए राज्यपाल अभिभाषण में विपक्ष का वेल में आकर नारेबाजी करना और कांग्रेस विधायक अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल पर सदन में माफी मांगने की मांग रखी। इस पर पक्ष व विपक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की खूब गहमागहमी हुई। इस दौरान कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट भी वेल तक पहुंच गए।
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‘अमर्यादित व्यवहार किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं’
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने संसदीय कार्यमंत्री व विपक्ष के विधायकों को बार-बार सीट पर बैठने का आग्रह करती रहीं। लेकिन, किसी ने भी स्पीकर की बात नहीं मानी। इस पर नाराज विस अध्यक्ष बोल पड़ीं, मुख्यमंत्रीजी मंत्री को बैठने के लिए बोलिए। उनके सख्त अंदाज के बाद ही हंगामा शांत हुआ। कहा, यदि पक्ष-विपक्ष आपस में बोलेंगे तो कुर्सी पर बैठना बेकार है। स्पीकर ने व्यवस्था के प्रश्न पर विनिश्चय दिया कि राज्यपाल अभिभाषण के दौरान अमर्यादित व्यवहार को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यदि सदन संचालन को लेकर सदस्यों को आपत्ति थी तो अभिभाषण के बाद सदन में उठा सकते थे। पूर्व में भी सदन में अमर्यादित व्यवहार करने पर कुछ सदस्यों को निलंबित किया गया था। उन्होंने सभी सदस्यों से सदन की गरिमा के अनुसार व्यवहार व मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने का आग्रह किया।

कांग्रेस को गलती पर मांगनी चाहिए माफी : अग्रवाल
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस का जो रवैया था, उससे साफ है कि वह सदन नहीं चलने देना चाहती है। अभिभाषण के समय कांग्रेस विधायक ने जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, वह उत्तराखंड की संस्कृति व सदन की गरिमा के खिलाफ है। मैंने आंशका जताई थी लेकिन यह नहीं कहा कि विधायक ने शराब पी रखी है। गलती पर माफी मांगने के बजाय कांग्रेस ने दूसरे दिन भी सदन हंगामा किया।

शराब पीने के आरोप पर मानहानि का दावा करूंगा : मदन बिष्ट
द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने कहा, संसदीय कार्य मंत्री का ऐसा व्यवहार मैंने कभी जिंदगी में नहीं देखा। मंत्री ने मुझे कहा, सदन से बाहर जाकर प्रदर्शन कर। मेरे ऊपर सदन में शराब पीकर आने के आरोप लगाए। इस पर मानहानि का दावा करूंगा। मैं डर-डर कर राजनीतिक नहीं करता। जब सरकार भ्रष्टाचार व चोरी कर रही है तो सदन में बोलेंगे।
पूर्व विधायकों की पेंशन समेत पांच विधेयक सदन पटल पर रखे
पूर्व विधायकों की पेंशन, भत्ते बढ़ोतरी समेत पांच विधेयक बुधवार को सदन पटल पर रखे गए। इनमें जमाकर्ताओं की सुरक्षा संबंधी विधेयक भी शामिल है।

सदन में संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्यों की उपलब्धियां और पेंशन) संशोधन विधेयक-2025 पेश किया। इसके तहत अब पूर्व विधायक रेलवे कूपन की धनराशि 28,000 में से उपभोग करने के बाद बची हुई राशि नकद प्राप्त कर सकेंगे। उनकी पेंशन 40,000 से बढ़ाकर 60,000 करने, धारा-20 के तहत प्रतिवर्ष के हिसाब से प्रतिमाह मिलने वाली राशि 2500 से बढ़ाकर 3000 रुपये करने, जीपीएफ ब्याज दर पर 25 लाख रुपये तक का ऋण 10 साल तक स्वीकृत करने का प्रस्ताव शामिल है।

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