देहरादूनः मर्चेंट नेवी में सीनियर डेक कैडेट के तौर पर कार्यरत उत्तराखंड के 22 वर्षीय करणदीप सिंह राणा रहस्यमय तरीके से लापता हो गए हैं। करणदीप का परिवार इस समय गहरे सदमे में है और मदद की गुहार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक लगा चुका है। अब तक करणदीप का कोई सुराग नहीं मिला है और परिवार उनकी वापसी के लिए संघर्ष कर रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार करणदीप सिंह राणा नाम के एक युवक जो देहरादून के रहने वाले हैं और मर्चेंट नेवी में सीनियर डेक कैडेट के पद पर तैनात हैं, 20 सितंबर को इराक से चीन जा रहे एक जहाज से लापता हो गए. परिवार का आरोप है कि कंपनी ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और न ही उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी. करणदीप की बहन सिमरन का कहना है कि जिस जगह उनके भाई को आखिरी बार देखा गया था, वहां से कोई व्यक्ति समुद्र में गिर ही नहीं सकता. परिवार ने मामले की उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है और अनहोनी की आशंका जताई है.
लापता होने के बाद क्या हुआ?
- करणदीप का जहाज इराक से चीन जा रहा था जब वह लापता हो गए.
- परिवार को 20 सितंबर को दोपहर 2:30 बजे के बाद करणदीप की कोई खबर नहीं मिली.
- कंपनी ने बताया कि करणदीप फोटो खींचते समय जहाज से गिर गए, लेकिन परिवार इसे संदिग्ध मानता है.
परिवार की मांगें
- मामले की उच्च-स्तरीय जांच
- सीसीटीवी फुटेज और वॉयेज डेटा रिकॉर्डर (VDR) की जांच
- करणदीप की सुरक्षित वापसी
जानकारी के मुताबिक, करनदीप का अंतिम संपर्क 20 सितंबर की सुबह हुआ था. उसी दिन बाद में शिपिंग कंपनी Executive Ship Management Pvt. Ltd. से फोन आया कि उनका बेटा जहाज से लापता हो गया है. यह खबर सुनते ही परिवार की दुनिया उजड़ गई. करनदीप जिस जहाज Front Princess पर तैनात थे, वह पहले इराक गया और वहां से चीन की ओर रवाना हुआ. यात्रा के दौरान जहाज श्रीलंका और सिंगापुर के रास्ते गुजर रहा था. माना जा रहा है कि करनदीप इन्हीं मार्गों के बीच कहीं गुम हो गए.
कंपनी का कहना है कि उन्होंने 96 घंटे तक लगातार तलाश की. इस दौरान श्रीलंका की डिफेंस हेलीकॉप्टर टीम और अन्य जहाजों की मदद भी ली गई, लेकिन करनदीप का कोई सुराग नहीं मिला. कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा कि 20 सितंबर की शाम करनदीप के जहाज से गिरने की आशंका है. हालांकि अंतिम पुष्टि चीन पहुंचने के बाद जांच के जरिए होगी.








