देहरादूनः उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है, जिससे राज्य की डेमोग्राफी पर असर पड़ रहा है। कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड समेत कई डॉक्यूमेंट तैयार कर लेते हैं।
सरकार की कार्रवाई
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गृह सचिव शैलेश बगोली को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में आकर काम करने वाले बाहरी लोगों के सत्यापन की प्रक्रिया को कड़ा किया जाए।
- सरकार ने सत्यापन प्रक्रिया को डिजिटल तकनीक के माध्यम से करने का फैसला किया है, जिससे सत्यापन प्रक्रिया आसान और प्रभावी हो सके।
- ऐप के तैयार होने के बाद प्रदेश में बृहद स्तर पर सत्यापन अभियान चलाकर उत्तराखंड में रह रहे बाहरी लोगों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा।
ऐप के फायदे
- इससे पुलिस के लिए सत्यापन प्रक्रिया आसान होगी।
- बाहरी लोगों की जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी।
- इससे अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करना आसान होगा।
उत्तराखंड सरकार ने डेमोग्राफिक चेंज को लेकर सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। सरकार की कोशिश है कि राज्य की डेमोग्राफी पर असर न पड़े और बाहरी लोगों की जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो।








